
आपको बता दें कि सहारनपुर जिला कारागार प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अलग-अलग मामलों में जिला कारागार में एक ही नाम के दो आरोपी बंद थे। बुधवार को एक आरोपी को पेश करना था, लेकिन जेल प्रशासन ने दूसरे को पेश कर दिया। बृहस्पतिवार को जेल प्रशासन के अधिकारियों ने अदालत में पहुंचकर गलती मानी।दरअसल देहात कोतवाली निवासी एक आरोपी राशिद पुत्र खुर्शीद और इसी क्षेत्र का निवासी दूसरा आरोपी भी राशिद पुत्र खुर्शीद अलग-अलग मामलों में जिला कारागार में बंद थे। एक आरोपी राशिद को अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 11 आलोक शर्मा ने तलब किया था। बुधवार को जेल प्रशासन ने उसकी जगह दूसरे राशिद को अदालत में पेश कर दिया। अदालत में गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराने शुरू किए, तब पता चला कि जिसे तलब किया गया था, उसकी जगह जेल प्रशासन ने दूसरे आरोपी पेश कर दिया। Saharanpur News
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इसके पश्चात न्यायालय ने सही आरोपी को पेश करने के लिए कहा। जेल प्रशासन ने शाम को रिपोर्ट भेजी कि असली आरोपी पांच अगस्त को जमानत पर जेल से रिहा हो गया था। यह आरोपी मादक पदार्थ तस्करी के मामले में जेल गया था। जेल प्रशासन की लापरवाही पर अदालत ने कारण बताओ नोटिस जिला कारागार के अधिकारियों को जारी किए। इसके साथ ही डीआईजी जेल, जिलाधिकारी, एसएसपी को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। वहीं, सूत्र बताते हैं कि कारागार के अधिकारी शुक्रवार को अदालत में गए और उन्होंने अपनी गलती भी मानी है। Saharanpur News
- जेल प्रशासन में गंभीर लापरवाही: जेल प्रशासन ने दो अलग-अलग व्यक्तियों को एक ही नाम से संबोधित कर एक गंभीर भूल की है। यह स्पष्ट करता है कि जेल में कैदियों के रिकॉर्ड रखने और उन्हें पहचानने में गंभीर चूक हुई है।
- न्यायिक प्रक्रिया में बाधा: इस गलती के कारण न्यायिक प्रक्रिया बाधित हुई और गवाहों के बयान भी गलत व्यक्ति के सामने दर्ज हो गए। इससे न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
- जिम्मेदारी का अभाव: जेल प्रशासन के अधिकारियों ने अपनी गलती को स्वीकार तो किया है, लेकिन इस घटना के लिए किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है।
- सुरक्षा संबंधी चिंताएं: यदि जेल प्रशासन कैदियों की पहचान तक सही तरीके से नहीं कर पा रहा है तो यह सुरक्षा के लिहाज से भी एक गंभीर चिंता का विषय है। Saharanpur News
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इस घटना के संभावित परिणाम:
- कानुनी कार्रवाई: जिला कारागार के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
- न्यायिक जांच: इस मामले की न्यायिक जांच हो सकती है ताकि यह पता चल सके कि इस घटना के पीछे क्या कारण थे।
- जेल प्रशासन में सुधार: इस घटना के बाद जेल प्रशासन में सुधार लाने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं जैसे कि कैदियों के रिकॉर्ड रखने की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाना। Saharanpur News
इस घटना से सीख:
- सावधानी बरतने की आवश्यकता: जेल प्रशासन को कैदियों की पहचान और उनके रिकॉर्ड रखने में अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
- जवाबदेही तय करना: जेल प्रशासन में जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
- नियमित निरीक्षण: जेलों का नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जेल प्रशासन सही तरीके से काम कर रहा है।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि न्यायपालिका और प्रशासन दोनों को मिलकर काम करना होगा ताकि न्याय व्यवस्था मजबूत हो सके और लोगों को न्याय मिल सके। Saharanpur News
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