चंडीगढ़, 15 दिसंबर। हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने तीन नए कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने, हिंसक अपराध नियंत्रण तथा नशा मुक्ति को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए।
इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया।
नशा मुक्ति को लेकर प्रदेश में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए डीजीपी ने कहा कि प्रदेश को नशा मुक्त बनाना हरियाणा पुलिस की बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। हालांकि प्रदेश में नशा मुक्ति को लेकर सराहनीय कार्य किया जा रहा है लेकिन इसे पूर्णतः नशा मुक्त करने के लिए और अधिक योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि गांव अथवा वार्डों को नशा मुक्त करने के लिए जरूरी है कि लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इसकी तस्करी करने वाले लोगों पर शिकंजा कसा जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्ती करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि वे प्रतिबंधित दवाइयां की बिक्री करने वाले फार्मासिस्ट के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अधीक्षक दवा विक्रेताओं के साथ बैठक करें और उन्हें इस बारे में कानूनी प्रावधानों की जानकारी दें।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में युवाओं तथा बच्चों से बातचीत करें। वे अपने क्षेत्र में नशा बिकने ना दे और जो लोग नशे की गिरफ्त में आ गए हैं उनकी काउंसलिंग करवाए, ओपीडी में या जिला स्तर पर स्थापित किए गए नशा मुक्ति केंद्रों में उनका इलाज करवाए।
डीजीपी ने कहा कि एसएचओ तथा डीएसपी गांवों में विजिट करते रहे और चौपाल में लोगों से बातचीत करें इससे उन्हें काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और कई मुद्दों के बारे में पता लगेगा जिससे उन्हें अपने क्षेत्र को नशा मुक्त करने में सुविधा होगी।
कपूर ने 3 नए कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा नए कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए हरियाणा को एक मॉडल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निर्धारित लक्ष्य अनुसार 28 फरवरी तक इन कानूनों को हरियाणा में पूरी तरह से लागू करना है। उन्होंने अधिकारियों को इसे लागू करने के लिए इस्तेमाल होने वाली ई-साक्ष्य एप्प व इसके इस्तेमाल करने बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि ई-साक्ष्य एक बहुत अच्छी ऐप है जिसके माध्यम से नए कानून में निहित प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है। उन्होंने बैठक में केस डायरी माड्यूल, तथा चांस रिकवरी व प्लानंड रिकवरी की वीडियोग्राफी आदि के बारे में भी बताया। इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया।
डीजीपी ने कहा कि नए कानून से न्याय प्रणाली सुदृढ़ बनेगी और लोगों को त्वरित न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि तीन नए कानूनों को लागू करने के लिए सभी प्रकार के रिसोर्सेज हरियाणा पुलिस के पास उपलब्ध है और भविष्य में आवश्यकता अनुसार और अधिक रिसोर्सेज उपलब्ध करवाए जाएंगे।
कपूर ने अपराध नियंत्रण को लेकर पुनः दोहराया कि अपराध नियंत्रण के लिए जरूरी है कि उसके घटित होने से पहले ही आवश्यक प्रबंध किए जाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्ती करनी है और उन पर कड़ी कार्रवाई करनी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं है। बैठक में अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले नए तौर तरीकों से निपटने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ओपी सिंह, पंचकूला के पुलिस आयुक्त राकेश आर्य, एसपी निकिता गहलोत, एआईजी एडमिन हिमांशु गर्ग, एआईजी प्रोविजनिंग कमलदीप गोयल सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।