चंडीगढ़, 19 अगस्त। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने संगरूर (आरटीए) ऑफिस में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुये आरटीए, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई), दो क्लर्कों, दो मध्यस्थों और प्राईवेट एजेंटों के खि़लाफ़ अपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में विजीलैंस ने इस दफ़्तर के दो मुलाजिमों और एक मध्यस्थ को गिरफ़्तार भी कर लिया है।
ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस घपले में आरटीए (संगरूर), एमवीआई, उनका अमला और प्राइवेट व्यक्तियों की मिलीभगत सामने आई है जो राज्य सरकार के निर्धारित नियमों की पालना करने की जगह एक दूसरे के साथ मिलकर अलग-अलग किस्मों के वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के बदले राज्य में काम कर रहे अलग-अलग एजेंटों से रिश्वत लेते थे।
उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के नियमों अनुसार सभी व्यापारिक वाहनों को सड़कों पर चलने के लिए आरटीए दफ़्तर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पड़ता है और ऐसे सभी वाहनों को दस्तावेज़ों समेत एम. वी. आई. द्वारा अपने दफ़्तर में मौके पर निरीक्षण करना होता है।
घपले की रूपरेखा का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि यह अधिकारी एजेंटों और मध्यस्थों की मिलीभगत से वाहनों की मौके पर फिजिकल वेरिफिकेशन किये बिना ही वाहन के मॉडल के हिसाब से 2800 रुपए से लेकर 1000 रुपए प्रति वाहन रिश्वत के बदले फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते आ रहे हैं। इस तरह आर. टी. ए और एम. वी. आई. द्वारा निर्धारित स्थान पर वाहन खड़े करवाने की जगह और उनकी मौके पर भौतिक जांच किये बिना ही दस्तावेज़ों के आधार पर वाहनों को पास किया जा रहा था।