दारोगा ने ट्रेन आगे कूदकर की आत्महत्या की कोशिश, स्थानीय लोगों ने बचाई जान, हायर सेंटर रेफर
सहारनपुर के थाना सदर बाजार पुलिस में उस वक्त अफरा तफरी मच गई थाने में तैनात दारोगा ( Sub Inspector ) ने रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या की कोशिश की। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने जान जोखिम में डालकर ट्रेन के आगे कूद रहे दारोगा को बचा लिया। हालांकि ट्रेन की चपेट में आने से दारोगा के हाथ की हड्डी टूट गई। आनन फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल हुए दारोगा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनको हायर सेंटर रेफर कर दिया है। दारोगा जी के आत्महत्या करने की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। लेकिन दारोगा जी के इस कदम से पुलिस कर्मी हैरत में हैं।

आपको बता दें कि जनपद बुलंदशहर के गांव सैदपुर निवासी 52 वर्षीय योगेश शर्मा थाना सदर बाजार में उप निरीक्षक ( Sub Inspector ) हैं। थाना सदर बाजार में योगेश शर्मा काफी समय से ड्यूटी दे रहे हैं। दारोगा जी थाना क्षेत्र के विश्वकर्मा चौक के पास परिवार के साथ किराए के मकान में रहते हैं। जानकारी के मुताबिक़ दारोगा योगेश शर्मा किसी बात को लेकर मानसिक तनाव में चल रहे थे। शायद यही वजह है कि उन्होंने मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या का खौफनाक कदम उठाया है। शनिवार की सुबह योगेश शर्मा घर से थाने के लिए निकले थे। लेकिन थाने जाने की बजाए जिला अस्पताल पुल के नीचे रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। जहां वे ट्रेन का इन्तजार कर रहे थे। मौके पर मौजूद लोग दारोगा जी की गतिविधियों को समझ गए।
इसी बीच जैसे ही रेलवे ट्रेक पर ट्रेन आई तो उन्होंने ट्रेन के आगे कूदने की कोशिश की। ट्रेक के पास खड़े स्थानीय लोगों ने ट्रेन के आगे कूद रहे योगेश शर्मा को पकड़ लिया। जिससे उसकी जान तो बच गई लेकिन उसका हाथ ट्रेन से टकरा गया। जिससे उनके हाथ की हड्डी टूट गई। स्थानीय लोगों की सुचना पर थाना सदर बाजार पुलिस ने मौके पर पहुँच कर घायल दारोगा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से डॉक्टरों ने नाजुक हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया।
थाना सदर बाजार प्रभारी रमेश चंद्र बताया कि दारोगा योगेश शर्मा लम्बे समय से मानसिक तनाव में चल रहे थे। लेकिन इस तरह का आत्मघाती कदम उठा लेंगे इसका किसी को अंदाजा भी नहीं था। जबकि सब इंस्पेक्टर योगेश शर्मा ने आत्महत्या की कोशिश क्यों की है? इस बारे में अभी कुछ पता नहीं लग पा रहा है। परिजनों से हुई बातचीत में सिर्फ इतना पता लगा है कि दरोगा मानसिक तनाव में चल रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था।












