भाजपा की दलित वोटरों को अपने पाले में बनाए रखने की रणनीति, जानिए दलितों को साधने का क्या है प्लान
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने दलित वोटरो को साधने का मास्टर प्लान तैयार किया है। यूपी में बीएसपी और मायावती के वोट बैंक माने जाने वाले दलित वोटों में पिछले दो चुनावों में सेंधमारी कर चुकी भाजपा अब दलित वोटों को अपने पाले के बनाए रखना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने अनुसूचित वर्ग सम्मेलनों की शृंखला हापुड़ से कल शुरुआत कर दी है।

ज़ाहिर है कि पश्चिम यूपी बसपा का गढ़ माना जाता है। इसी क्षेत्र के सहारनपुर जिले मान्यवर काशीराम ने लोकसभा चुनाव लड़ते हुए अपनी राजनीति का आगाज किया था और उसके बाद साल 1996 में मायावती ने सहारनपुर की हरोड़ा विधानसभा से चुनाव लड़कर यूपी की मुख्यमंत्री की गद्दी पर काबिज़ हुई थी। इसलिए तो यह क्षेत्र बसपा के लिए बहुत अनुकूल माना जाता है। इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी यहां से अपनी रणनीति शुरुआत कर रही है। लेकिन भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि इसी क्षेत्र से एक नए युवा दलित नेता का उदय हो चुका है, जो कहीं ना कहीं सत्ताधारी दल भाजपा को डेंट देने का काम करेगा।
बहरहाल भाजपा के पहले दलित सम्मेलन पश्चिम क्षेत्र के हापुड़ से शुरू हो चुका है, जिसे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जूसी पश्चिम क्षेत्र से आते हैं उन्होंने सम्मेलन का आगाज कर दिया है। भाजपा के रणनीतिकार बताते हैं कि सभी छह क्षेत्रों में अनुसूचित जाति सम्मेलन होंगे, जिसमें पार्टी के अनुसूचित वर्ग के नेता, सांसद, मंत्री, विधायक शामिल होंगे। माना जा रहा है कि केंद्र से शीर्ष नेता भी इन सम्मेलनों में कुछ के शामिल हो सकते हैं। लेकिन भाजपा की यह सारी कवायत आगामी लोकसभा में कितनी मददगार साबित होगी यह तो समय ही बताएगा।













