PWD बनवाएगा गन्ना विभाग की सड़क, अधिकारीयों ने तैयार किया मास्टर प्लान
अक्टूबर माह के अंत में सहारनपुर मंडल की कई चीनी मिलों में पेराई सत्र का शुभारंभ होने जा रहा है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग भी अलर्ट मोड़ में आ गया है। बरसात के के मौसम में टूटी सडकों को दुरुस्त करने का प्लान तैयार कर लिया है। मंडल के तीनों जनपदों में करीब 246 सड़कों के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं। शासन से स्वीकृति मिलते ही इन सभी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। सहारनपुर जिलें में 76, जनपद मुज़फ्फ्नगर की 136 और शामली जिलें की 44 सड़के चिन्हित की गई है। ये सभी सड़के गन्ना विभाग के स्वामित्व में आती हैं। इन सड़कों के निर्माण से गन्ना किसानों की समस्या का निदान हो जाएगा।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि पिछले दिनों पहाड़ों और मैदानी इलाकों में न सिर्फ मूसलाधार वर्षा हुई बल्कि मैदानी इलाकों में बाढ़ आ गई थी। यमुना नदी के किनारे होने के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित सहारनपुर मंडल के तीनों जनपद हुए हुए थे। पानी के तेज बहाव में कई बड़ी सड़के और गन्ना विभाग की सड़के पूरी तरह टूट गई थी। जिससे आगामी दिनों में चीनी मिल चलने बाद गन्ना किसानों के लिए गन्ना ढुलाई में बाधा बन सकती थी। लेकिन इससे पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश से टूटी सभी सड़कों को दुरुस्त करने के आदेश जारी आकर दिए। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग सड़को को न सिर्फ गड्ढामुक्त करने में जुट गया बल्कि गन्ना विभाग के स्वामित्व वाली सड़को के लिए भी मास्टर प्लान तैयार कर लिया है।
पश्चमी उत्तर प्रदेश के मंडल सहारनपुर को चीनी का कटोरा कहा जाता है। यानि सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में सबसे ज्यादा गन्ने की फसल की जाती है। यी वजह है कि मंडल के तीनों जनपदों में 17 चीनी मिलें संचालित है। किसानों के विभिन्न गांवों से इन मीलों तक जाने वाली ज्यादातार सड़के गन्ना विभाग के स्वामित्व में आती है। पिछले दिनों हुई बरसात और बाढ़ के कारण गन्ना विभाग की 246 सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इनमे से ज्यादातर सड़के ऐसी हैं जो पीछे कई सालों से पुनर्निर्माण की बाढ़ जोह रही थी। बावजूद इसके गन्ना विभाग इन सड़को को बनवाने के लिए बजट नहीं होने की बात कहकर टालता रहा।
ग्रामीण इलाकों में गन्ना विभाग सड़कों का निर्माण भी करवाता है। जिससे किसानों को शुगर मिलों से लेकर क्रय केंद्रों तक गन्ना ढुलाई में किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। विभाग की ओर से सम्पर्क मार्गों का ही निर्माण कराने को प्राथमिकता दी जाती है। गन्ना विभाग न सिर्फ सड़कों का निर्माण कराता है बल्कि इनकी मरम्मत भी कराता है।
सड़कों की मरम्मत का कार्य शुगर मिलों के पेराई सत्र के शुरू होने से पहले ही कराया जाता है।लेकिन इस बार गन्ना विभाग अभी तक गन्ना विभाग के स्वामित्व वाली इन सड़कों का पुनर्निर्माण तो दूर सड़कों को गड्ढा मुक्त भी नहीं करवा पाया है। सड़कों के गड्ढा मुक्त नहीं होने के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री नितिन प्रसाद ने बारिश के बाद गन्ना विभग्ग की टूटी इन सड़कों के निर्माण का जिम्मा लिया है। सहारनपुर के मंडलीय अधिकारीयों को इन सड़कों के पुननिर्माण करने के निर्देश दिए है। अधीक्षण अभियंता सीपी सिंह ने बताया कि जनरली चीनी मिल और क्रय केन्द्रो तक जाने वाली सड़कें गन्ना विभाग द्वारा बनाई हुई है। जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। शासन और गन्ना विभाग से भी हमें उनकी लिस्ट प्राप्त हो चुकी है।
सहारनपुर मंडल में लगभग 246 ऐसी सड़कें हैं जो पूरी तरह टूटी हुई हैं। टूटी हुई इन सड़कों की कुल लंबाई 257 किलोमीटर है। उनके पुन निर्माण में सभी एस्टीमेट सहारनपुर लोकनिर्माण विभाग द्वारा शासन को भेजे गए हैं। इन सड़को के पुनर्निमाण कुल 63 करोड़ रुपए की लागत आएगी। जिसमें जनपद सहारनपुर के अंतर्गत 76 किलोमीटर सड़क खराब है। इसी तरह मुजफ्फरनगर में 136 किलोमीटर और शामली में 44 किलोमीटर पूर्णत: क्षतिग्रस्त है।शासन की ओर से इन सड़कों को बनवाने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया। गन्ना विभाग की इन सड़कों को अब लोक निर्माण विभाग बनवाएगा।
उन्होंने बताया कि इन सड़कों के प्रस्ताव को सेंशन कराकर जल्द से जल्द पुननिर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए पूरा मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। शासन आदेशानुसार इन सड़कों को नया पत्थर और बजरी-तारकोल डालकर नया बनाया जाएगा। ताकी गन्ने से भरे ओवर लॉडेड वाहनों से सड़क टूटने ना पाए। साथ इन सड़कों में डीएलपी भी लगाई जा रही है। ख़ास बात ये है कि जिन ठेकेदारों से इन सड़कों को बनवाया जा रहा है अगले पांच साल तक सड़को की देखरेख और टूट फुट की जिम्मेदारी भी उन्ही की रहेगी। जिससे गन्ना किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना ना।