Loksabha Chunav : वरुण गांधी और संघमित्रा मौर्य की उम्मीदवारी पर छाये संकट के बादल, बरेली सांसद गंगवार की उम्मीदवारी में खतरे में
Published By Roshan Lal Saini
Loksabha Chunav : भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में उत्तरर प्रदेश की किसी भी लोकसभा सीट से प्रत्याशी का नाम शामिल नहीं है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं और मतदाताओं को अब तीसरी सूची का इंतजार है। 24 सीटों पर दावेदारों की की लम्बी लाइन लगी है जिनकी सांसें अटकी हुई हैं। भाजपा कई मौजूदा सांसदों के टिकट भी काट सकती है। टिकट काटने वाली सूची में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी और बंदायू सांसद स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा भी शामिल हैं। यही वजह है कि पीलीभीत और बंदायू सीट समेत कई सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर संशय बना हुआ है।
आपको बता दें कि बरेली मंडल की तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा के दावेदारों को लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। सभी को उम्मीद थी कि भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची में मंडल की बरेली, बंदायू और पीलीभीत सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर देगी। लेकिन बुधवार को दूसरी सूची आते ही इन तीनों लोकसभा सीटों पर बदलाव के कयास तेज हो गए। जबकि मौजूदा सांसदों के समर्थक इन कयासों को लगातार पूरी तरह खारिज कर रहे हैं। Loksabha Chunav
दरअसल बरेली लोकसभा सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद संतोष गंगवार की लगातार दसवीं बार उम्मीदवारी में उनकी उम्र आड़े आ रही है। हालांकि सूत्रों के अनुसार संतोष गंगवार हेमा मालिनी समेत कई प्रत्याशियों के टिकट का हवाला देकर अपने पक्ष में मजबूत पैरवी कर रहे हैं। वहीं बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य के सामने उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा के विरोधी विवादित बयान संकट बने हुए हैं। जिसके चलते संघमित्रा मौर्य के टिकट पर भी संकट के बादल मंडराने लाज़मी है। जबकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन कर कर लिया है। फिलहाल संघमित्रा मौर्य दूसरी बार टिकट हासिल करने की जी तोड़ कोशिश कर रही हैं। Loksabha Chunav
उधर पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी सरकार के खिलाफ व्यवस्था विरोधी बयान देकर अपनी उम्मीदवारी खतरे में डाल चुके हैं। टिकट के लिए बढ़ते इंतजार के बीच वरुण के बोल बदले हैं। पिछले दिनों पीलीभीत को मिली सौगातों पर उन्होंने वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया था। दूसरी सूची में भी तीनों सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा न होने को मौजूदा सांसदों के सामने दावेदारी कर रहे दूसरे नेता अपने लिए सकारात्मक मान रहे हैं। उनका मानना है कि पुराने नामों पर ही मुहर लगानी होती तो पार्टी आलाकमान पहली ही सूची में उम्मीदवारों की घोषणा कर देते। Loksabha Chunav
इस आधार पर वे दावा कर रहे हैं कि बदलाव तय है, इसीलिए इंतजार लंबा खिंच रहा है। फिलहाल, राम लहर के बीच अपने-अपने हिसाब से जातिगत समीकरणों को आधार बनाकर दावेदार दिल्ली के दरबार तक हाजिरी लगा रहे हैं। तीनों सीटों पर सांसदों के समर्थक अपने-अपने हिसाब से तर्क दे रहे हैं। उनका मानना है कि सांसदों को टिकट बंटवारे में देरी का फायदा मिलेगा। कुछ नेता तो बड़े पदाधिकारियों के हवाले से तीनों सीटों पर टिकटों में कोई बदलाव न होने का दावा कर रहे हैं। Loksabha Chunav
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इधर, असमंजस भरे माहौल में मौजूदा सांसद लगातार अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के बीच सक्रिय हैं। हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में उपस्थिति भी दर्ज करा रहे हैं। बरेली सीट से सांसद संतोष गंगवार के अलावा महापौर उमेश गौतम, शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक हरिशंकर गंगवार, चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक डॉ. विजय गंगवार दावेदारी कर रहे हैं। बदायूं से संघमित्रा मौर्य के अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य, सिनोद शाक्य और रामसेवक सिंह पटेल की दावेदारी चर्चा में है। पीलीभीत से मौजूदा सांसद वरुण गांधी के सामने गन्ना राज्यमंत्री संजय गंगवार, बिथरी चैनपुर से विधायक रहे राजेश मिश्रा (पप्पू भरतौल) के नामों की चर्चा है। Loksabha Chunav
सूत्रों के अनुसार, पीलीभीत सीट से प्रदेश सरकार के एक मंत्री को मैदान में उतरने के लिए कहा गया। हालांकि, वह बरेली मंडल के बाहर दूसरी सीट से टिकट चाहते थे। उस सीट पर पहली ही सूची में प्रत्याशी की घोषणा हो चुकी है। पिछले सप्ताह उन्होंने दिल्ली पहुंचकर अपना टिकट कटवाने की पैरवी की है। माना जा रहा है कि पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटा तो भी वह इसी सीट से मैदान में उतरेंगे। ऐसे में मंत्री को जीत की राह आसान नहीं नजर आ रही है। Loksabha Chunav