मुठभेड़ में मारा गया महिला सरयू एक्सप्रेस में महिला सिपाही का हमलावर, कई पुलिस कर्मी भी हुए घायल
उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस का ऑपरेशन क्लीन ( OPRATION CLEEN ) लगातार जारी है। यूपी एसटीएफ और अयोध्या पुलिस ने सरयू एक्सप्रेस में महिला कॉन्स्टेबल पर हमले के मुख्य आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया है। जबकि उसके दो साथी पुलिस की गोली लगने से घायल हो गए हैं जिनको गिरफ्तार कर लिया गया है। मुठभेड़ में थानाध्यक्ष और दो पुलिस कर्मियों के भी घायल होने की खबर है। आनन फानन में पुलिस टीम ने घायल पुलिस कर्मियों और बदमाशों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां सभी का इलाज चला रहा है। एसटीएफ और अयोध्या पुलिस के संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाकर महिला सिपाही के आरोपी को मुठभेड़ में अपराधी ढेर किया है। जानकारी के अनुसार थाना पूराकलंदर के छतिरवा पारा कैल मार्ग पर यह मुठभेड़ हुई है।

30 अगस्त को यूपी पुलिस में तैनात एक महिला कॉन्स्टेबल संदिग्ध परिस्थितियों में खून से लथपथ सरयू एक्सप्रेस की सामान्य बोगी में मिली थी। यात्रियों की सुचना के बाद ट्रेन के अयोध्या जंक्शन पर ट्रेन पहुंचने जीआरपी पुलिस ने घायल माहिला कॉन्स्टेबल को अयोध्या के श्रीराम चिकित्सालय में भर्ती कराया था। जहां महिला की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों की टीम ने उसको दर्शन नगर मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया था। लेकिन मेडिकल कॉलेज में बी महिला की हालत में सुधार नहीं आया तो वहां से लखनऊ ट्रामा सेंटर ले जाया गया।
महिला कॉन्स्टेबल की पहचान सुमित्रा पटेल के रूप में हुई थी। जो जनपद सुलतानपुर में तैनात है और सावन मेला में ड्यूटी देने के लिए अयोध्या आ रही थी। घटना के बाद अयोध्या जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच गई तो स्टेशन पर महिला कॉन्स्टेबल का आवागमन नहीं मिला। सरयू एक्सप्रेस ट्रेन प्रयागराज से सुलतानपुर, अयोध्या होते हुए मनकापुर तक जाती है। घटना के बाद महिला कॉन्स्टेबल के कपड़े अस्तव्यस्त मिले थे। उसके सिर पर किसी बड़े धारदार हथियार से हमले के निशान मिले हैं। गाल व आंख पर भी धारदार हथियार से हमला किया गया था।
जानकारी के मुताबिक़ महिला कॉन्स्टेबल सुमित्रा पटेल 29 अगस्त मंगलवार की रात सुलतानपुर से सरयू एक्सप्रेस में अयोध्या आने के लिए सवार हुई थी। ट्रेन में सो जाने के कारण उसकी आंख नहीं खुली और वह मनकापुर पहुंच गई थी। पुलिस के मुताबिक़ सुबह करीब 4:30 बजे जब सरयू एक्सप्रेस ट्रेन अयोध्या पहुंची तो वह ट्रेन के अंदर गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ी थी। प्रारंभिक मेडिकल जांच में उसके सिर व चेहरे पर चोट के निशान मिले थे। घटना के बाद पुलिस महिला सिपाही के हमलावरों की तलाश कर रही थी।
एसएसपी ने बताया कि पीड़ित महिला को तस्वीर दिखाकर आरोपी की पहचान कराई गई थी। जिसके बाद अयोध्या पुलिस और एसटीएफ की टीम को महिला सिपाही के हमलावरों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए थे। थाना इनायत नगर पुलिस को सुचना मिली थी जिसके बाद एसटीएफ और पुलिस ने इलाके की घेरबंदी कर आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की तो आरोपियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्यवाई करते हुए पुलिस ने भी आत्मरक्षा हेतु फायरिंग करनी पड़ी। दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग हुई। जहां बदमाशों की ओर से चली गोली लगने लगने से थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। वहीं पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में मुख्य आरोपी अनीस समेत तीन बदमाश घायल हो गए। जबकि उनका एक साथी भागने में कामयाब हो गया।
आनन फानन में सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मुख्य आरोपी अनीस की इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि उसके दो साथियों का इलाज चल रहा है। वहीं घायल थानाध्यक्ष और दोनों सिपाहियों को भी इलाज हेतु जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
आरोपियों ने सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर महिला कॉन्स्टेबल के साथ न सिर्फ झगड़ा किया था बल्कि उस पर जानलेवा हमला कर दिया था। महिला कांस्टेबल से पूछताछ के दौरान पुलिस टीम को यह अहम जानकारी दी थी।
इसके बाद एसटीएफ की टीमें मनकापुर से अयोध्या आने वाले 150 से अधिक लोगों से पूछताछ कर हमलावरों की तलाश में जुट गई थी। पुलिस ने आरोपियों के बारे में जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये इनाम देने की भी घोषणा की थी। पुलिस इस मामले करीब पौने दो सौ संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी थी। पुलिस ने सर्विलांस के साथ-साथ मुखबिरों को भी सक्रिय किया था। मनकापुर से अयोध्या के बीच करीब 200 गांवो में पुलिस की टीमें मुखबिरों के जरिए हमलावरों को तलाश कर रही थी।
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