बसपा सुप्रीमो मायावती के रुख पर सबकी नज़र, यूपी की 80 सीटों को गुणा भाग में जुटे दल
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनीतिक दलों ने बिसात बिछाने और चुनावी रणनीति का गुणा भाग शुरू कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस और सपा ने तो गठबंधन के साथी भी तलाशने शुरू कर दिए हैं। सभी पार्टियां जनता के बीच जाने के लिए नए नए मुद्दे ढूंढ रही हैं। हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा फिर से राम मंदिर निर्माण और उद्घाटन को नया मुद्दा बना सकती है।
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ( BSP ) ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लगातार राजनीतिक दलों की होने वाली हर हलचल पर पैनी निगाहें गड़ा रखी हैं। वह काफी मजबूती के साथ समीकरण बनाने में जुटी हैं। इस बार बसपा दलित मुस्लिम गठजोड़ पर जोर दे रही हैं। लेकिन कई बड़े नेताओं के पार्टी से निष्कासन के बाद बसपा की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।
राजनितिक विश्लेष्क बताते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद मायावती मजबूती और सियासी पैतरेबाजी के साथ अपने पत्ते फेटने में जुटी हुई है। लेकिन बसपा सुप्रीमो की निष्कासन प्रणाली कहीं ना कहीं आगामी चुनाव में बसपा को नुकसान पहुंचा सकती है। बावजूद इसके बसपा से बड़े नेताओं का निष्कासन बदस्तूर जारी हैं














