तनख्वा के पैसे मांगना गरीब भाइयों की बड़ी मुश्किलें, नौकरी से निकाल कर जान का दुश्मन बने डॉक्टर
सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी दबंगों और माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्यवाई कर रहे हैं वहीं योगी सरकार में नौकरशाह वो स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर दबंगई पर उतर आये हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण जनपद सहारनपुर में देखने को मिला है। कस्बा देवबंद की सीएचसी में सीएमएस के पद पर तैनात डॉ अजय कुमार त्यागी पर न सिर्फ एक परिवार पर दबंगई का आरोप लगा है बल्कि जान से मारने की भी धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है। पीड़ित के मुताबिक़ डॉ अजय त्यागी ने अपने ड्राइवर और उसके भाई को नौकरी से महज इसलिए निकाल दिया कि ड्राइवर के भाई ने 6 महीने की बकाया तनख्वा की मांग कर दी थी।

इतना ही नहीं डॉ त्यागी के गुर्गे पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी देकर सहारनपुर छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। इतना ही नहीं फर्जी मुकदमों में भी फ़साने की धमकी भी दी रही है। जिसके चलते पीड़ित परिवार ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर इन्साफ की गुहार लगाई है। जबकि आरोपी डॉक्टर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है।
आपको बता दें कि करीब आठ साल पहले डॉ अजय कुमार त्यागी उत्तर प्रदेश के बंदायू के अस्पताल में तैनात थे। उस दौरान डॉ त्यागी ने बंदायू निवासी अनिमेष को अपनी गाडी पर ड्राइवर रखा हुआ था। लंबे समय तक अनिमेष के काम से डॉ अजय कुमार त्यागी इतने प्रभावित हुए कि 2 साल पहले ट्रांसफर सहारनपुर हुआ तो अनिमेष को भी यहीं बुला लिया। इतना ही नहीं उसके छोटे भाई को भी सहारनपुर में ही अपने पशुओ की देखभाल करने की नौकरी दे दी। 2 साल तक तो सब ठीक चलता रहा लेकिन कुछ् दिन पहले डॉक्टर और अनिमेष में भाई की तनख्वा को लेकर विवाद हो गया। बंदायू निवासी अनिमेष ने बताया कि डॉ त्यागी ने अपनी मां का ऑपरेशन की कराने की बात कहकर उसके भाई की तनख्वा रोक ली थी हालांकि परिवार के पालन पोषण के लिए अनिमेष की तनख्वा देते रहे। करीब 6 महीने बीत जाने के बाद भी उसके भाई के 90 हजार रूपये देने का नाम नहीं लिया।
अनिमेष का आरोप है कि जब उन्होंने भाई की तनख्वा के पैसे मांगे तो डॉ साहब ने न सिर्फ पैसे देने मना कर दिया बल्कि दोनों भाइयों को जबरदस्ती नौकरी से भी निकाल दिया। इतना ही नहीं जब पीड़ित ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर इन्साफ की गुहार लगाईं तो डॉ साहब के गुर्गो ने पीड़ित के परिवार को जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दिया। सीएमएस डॉ त्यागी के आदमी दिन रात पीड़ित के घर के बाहर रेकी कर रहे हैं। पीड़ित के मुताबिक़ डॉक्टर साहब के गुर्गे उन्हें लगातार धमकियां देकर कह रहे हैं कि हम तुम्हे सहारनपुर में रहने नहीं देंगे। अगर तुमने अपनी शिकायत वापस नहीं ली तो तुम्हे झूठे मुकदमों में फ़सा देंगे। हैरत की बात तो ये है कि मामला एसएसपी के संज्ञान में आने के बाद भी थाना सदर बाजार पुलिस कोई कार्यवाई नहीं कर रही हैं।
यह परिवार रोजी-रोटी कमाने के लिए बदायूं से जिला सहारनपुर आया था। अनिमेष थाना सदर बाजार इलाके की एक कालोनी में अपनी पत्नी स्वाति, दो छोटे भाइयों और तीन मासूम बच्चियों के साथ रहते हैं। परिवार में दबंगो का खौफ इस कदर है कि दहशत की मारी महिला बोल भी नहीं पा रही है। इस परिवार को लगातार जान का खतरा सता रहा है। जिसके चलते 3 मासूम बच्चियों को लेकर पीड़ित परिवार इन्साफ के लिए अधिकारीयों के चक्कर काट रहा है। डॉक्टर के नौकरी से निकाले जाने के बाद उसने फाइनेंस कराकर अपने भाइयों को ई-रिक्शा दिलाई है। जिससे उनके परिवार का पालन पोषण हो सके। पीड़ित का काना है की अगर उन्हें इन्साफ नहीं मिला तो वह पुरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगे।
एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा का कहना है कि बंदायू के रहने वाले एक परिवार ने दो दिन पहले शिकायती पत्र देकर बताया था कि वे एक डॉक्टर के यहां नौकरी करते थे। डॉक्टर ने उसके भाई के 6 महीने का वेतन रोक लिया। थाना सदर बाजार को मामले की जांच के बाद निस्तारण के आदेश दिए हुए हैं। वहीं इस बाबत जब आरोपी डॉक्टर से बात की तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ड्राइवर के द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।