बसपा राजस्थान-तेलंगाना में अकेले लड़ेगी आमचुनाव, मध्य प्रदेश छतीसगढ़ के लिए मायावती ने किया ये ऐलान
चुनाव आयोग ने सोमवार को मध्यप्रदेश-राजस्थान समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव की घोषणा होते ही सभी राज्यों में तमाम राजनितिक दलों ने वोटों का जोड़तोड़ शुरू कर दिया है। जहां केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पांचो राज्यों में प्रचंड बहुमत लाने का दावा कर रही है वहीं विपक्षी दलों ने न सिर्फ निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी पर भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र व निष्पक्ष कराने पर ही देश में लोकतंत्र का भविष्य सुरक्षित रहेगा। बहुजन समाज पार्टी मिजोरम छोड़ सभी राज्यों में चुनाव लड़ने जा रही है। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वागत किया है। साथ ही यह भी कहा है कि धनबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग रोककर निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग की बड़ी जिम्मेदारी है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक़ पांचो राज्यों में कई चरणों में चुनाव होने जा रहा है। जिसका सभी पार्टियों ने स्वागत किया है। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जारी की है। मायावती ने ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में अगले महीने होने वाले विधानसभा आमचुनाव की घोषणा का स्वागत है। लेकिन चुनाव आयोग के लिए असली चुनौती सरकारी मशीनरी व धनबल आदि के दुरुपयोग को रोककर चुनाव को पूरी तरह स्वतंत्र व निष्पक्ष कराना है। निष्पक्ष मतदान और मतगणना पर ही लोकतंत्र का भविष्य निर्भर है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि “उनकी पार्टी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थानीय दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने जा रही है। लेकिन राजस्थान और तेलंगाना में अकेले अपने बुते चुनाव लड़ने का मन बनाया है। हालाँकि मिजोरम में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। मायावती ने सोशल साइट पर कहा कि खासकर सत्ताधारी पार्टी द्वारा चुनाव को गलत दिशा में प्रभावित करने के लिए लुभावने वादे एवं हवा – हवाई घोषणाओं आदि पर अंकुश लगना जरूरी है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है। जातिवाद व सांप्रदायिकता का उन्माद व हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई अत्यावश्यक है। राजस्थान व तेलंगाना इन दोनों राज्य में अकेले ही बिना किसी से कोई समझौता किए हुए चुनाव लड़ रही है और इन राज्यों में अच्छे परिणाम की उम्मीद करती है।”