ऐमज़ॉन से चाक़ू मंगवा कर भाई को उतार दिया मौत के घाट, वजह जान आप भी रह जाएंगे हैरान
सहारनपुर पुलिस ने 30 सितम्बर को हुई ब्लाइंड हत्याकांड का खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस ने युवक की हत्या करने वाले तहेरे भाई समेत दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर आला क़त्ल भी बरामद कर लिया है। हैरत की बात ये है कि हत्यारे भाई ने चचेरे भाई की हत्या के लिए स्पेशल चाक़ू “ऐमज़ॉन” से मंगवाया था। पकडे गए अभियुक्त ने चचेरे भाई को उसके हिस्से की जमीन के लालच में मौत के घाट उतार दिया था। सबूतों एवं तथ्यों की बिनाह पर पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया है।

जिला मुज़फ्फरनगर के थाना चरथावल इलाके के गांव कान्हाहेड़ी निवासी रमेश पुत्र सेवाराम कश्यप का बेटा पंकज कस्बा देवबंद के मोहल्ला कायस्थवाड़ा में अपनी बुआ के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था। 30 सितम्बर को अज्ञात व्यक्तियों ने धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी थी। जिसके सम्बंध में थाना देवबंद पर परिजनों की ओर से मुकदमा पंजीकृत किया गया था। घटना के बाद से पुलिस सभी पहलुओं पर जाँच में जुटी थी।
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने घटना को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र हत्या के खुलासे और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए सबंधित थाने को निर्देश दिये थे। एसपी देहात सागर जैन के नेतृत्व में थाना प्रभारी सुबे सिंह ने कस्बा देवबंद से लेकर जनपद मुजफ्फनगर तक लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों को चैक किया गया। इस दौरान पूछताछ, पतारसी सुरागरसी के बाद पुलिस के शक की सुई मृतक के तहेरे भाई की ओर घूम गई। पुलिस ने मृतक पंकज के तहेरे भाई अनुराग उर्फ रितिक पुत्र नैताब सिंह निवासी ग्राम कान्हाहेडी थाना चरथावल जिला मुजफ्फरनगर को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने न सिर्फ अपना गुनाह कबूल कर लिया बल्कि ह्त्या करने की वजह भी उगल दी।
एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि अनुराग और उज्जवल धीमान पुत्र संजय धीमान निवासी गांव कुरलकी के नाम सामने आये। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अम्बहेटा-देवबद रोड नये रेलवे ट्रैक के नीचे से दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से ह्त्या में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की है। अभियुक्तों की निशाःदेही पर घटना में प्रयुक्त आला कत्ल एक छुरा व अन्य सामान सहित कपड़ों को जंगल ग्राम बाबूपुर से बरामद किया गया।
एसपी देहात सागर जैन के मुताबिक़ अभियुक्त अनुराग ने पूछताछ में बताया कि मृतक पंकज उसका तहेरा भाई यानी उसके ताऊ का बेटा था। पंकज अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। उसके ताऊ रमेश कश्यप के हिस्से में करीब 7-8 बीघा जमीन आ रही थी। उसका ताऊ रमेश कश्यप उस पर बहुत विश्वास करता था। उसको विश्वास था कि अगर वह अपने तहेरे भाई पंकज को रास्ते से हटा दें तो ताऊ रमेश अपने हिस्से की 07-08 बीघा जमीन जो लगभग 80 लाख रूपये है उसके नाम कर देगा। ह्त्या के बाद उस पर कोई शक भी नही करेगा। इसी योजना के तहत उसने अपने साथ काम करने वाले अपने दोस्त को कुछ पैसो का लालच देकर अपने साथ ले लिया।
साजिश के तहत 30 सितम्बर की सुबह 7 बजे तहेरे भाई पंकज को बाला सुंदरी मेन गेट पर मिलने को कहा था। तय समय पर वह और उसका दोस्त उज्जवल धीमान मोटरसाइकिल पर सवार होकर बाला सुंदरी गेट पर पहुंचे गये। पंकज हम लोगों को वही खड़ा मिला जिसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर हम लोग बाबूपुर नंगली काली नदी के पास ले गये। जहां हम दोनों ने छुरे से पंकज का गला काटकर हत्या कर दी और शव नदी में फेंक कर फरार हो गए। पुलिस की सख्ताई में अनुराग ने बताया की जिस चाक़ू से पंकज की हत्या की वह चाक़ू ऐमज़ॉन से आर्डर करके मंगवाया था। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों अभियुक्त वापस मुजफ्फानगर पहुंच गये। योजनाबद्ध तरीके से ये लोग अपना मोबाइल फोन भी घर पर ही छोड गये थे, जिससे हमारी लोकेशन घर पर ही रहे।