कैदियों से संवाद में बोले जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति, सुनकर फफक फफक कर रोने लगे कैदी
यूपी के कारागार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने कैदियों से सीधा संवाद किया। मंत्री ने कहा, कोई भी बंदी जब कारागार में आता है, तो अपने माता-पिता, भाई-बहन तथा अन्य नाते-रिस्तेदारों को कष्ट देता है। यह उनके पूर्व जन्म के कर्मों का फल होता है। बंदियों को अपने आचरण में सुधार लाना चाहिए। कारागार में रहते हुए विभिन्न व्यवसायों, हस्तकला और कौशल विकास प्रशिक्षण और कारागार में संचालित विभिन्न सुधार कार्यक्रमों में भाग लेकर सभ्य नागरिक बनना चाहिए। मंत्री की बातों को सुनकर एक कैदी फफक-फफक के रोने लगा और कुछ के चेहरे पर मायूसी छा गई। उन्होंने बंदी को मंच पर बुलाया और कभी भी अपराध न करने का वचन लिया।

मंत्री धर्मवीर ने आगरा कारागार में हुए रक्षाबंधन की एक वीडियो दिखाकर कैदियों और लोगों को भावुक कर दिया। उन्होंने वीडियो दिखाते हुए कहा, भाई-बहन के विलाप को देखकर उस क्षण उनकी आंखों से भी आंसु झलक पड़े थे और वह भावुक हो गए थे। उन्होंने कारागार से जुड़ी कई घटनाओं को जिक्र किया। उन्होंने बताया, बुलंदशहर की रहने वाली एक महिला लखनऊ में अपने बच्चों के साथ मुझसे मिलने के लिए आई। जिसने बताया कि उसका पति 17 सालों से जेल में है और उनकी जमानत तक नहीं हो रही है। बच्चों को देखकर उसकी फाइल मंगवाई। जिस पर वहां के एसएसपी ने निगेटिव रिपोर्ट लगाई हुई थी। जिसके बाद राज्यपाल और सीएम से बात करके उस कैदी को छुड़वाया गया। जेल में बंद रहते हुए उस कैदी ने काम सीखा। जहां उसने काम करके करीब एक लाख रुपए कमाए थे। जैसे ही वह जेल से बाहर आया तो उसने जेल में कमाए पैसों से पुरानी ई-रिक्शा खरीद कर अपना और परिवार का पालन पोषण कर रहा है।
मंत्री धर्मवीर ने कहा, सभी बंदियों को गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। उन्होंने बंदियों से संवाद करते हुए कहा कि आपसे जो जाने अनजाने में अपराध हुआ है, उसका पश्चाताप कीजिए। घटित अपराध को भूलकर आत्म चिंतन करते हुए अपनी सभी बुराइयों को कारागार के अंदर छोड़कर जाइए। जेल से अपने हाथ हुनर सीखकर कारागार से बाहर जाइए। मंत्री ने कहा, कारागार में सबसे अधिक संख्या युवा वर्ग की है। उनको अपने आचरण में सुधार करना चाहिए।
मंत्री ने कहा, जो अपने माता-पिता को दुख देता है, वह कभी संसार में सुखी नहीं रह सकता। आपके कारागार के अंदर आ जाने से सबसे अधिक दुख माता-पिता व परिजनों को ही होता है। इसलिए कारागार से बाहर निकलकर दोबारा, ऐसा कोई काम न हो, जिससे दोबारा कारागार में आना पड़े। मंत्री की बातों को सुनकर बंदियों को उनके द्वारा किए गए अपराध का पश्चाताप होने लगा। कई बंदी भावुक होकर रोने लगे। इसके बाद बंदियों ने मंत्री के सामने भविष्य में दोबारा अपराध न करने का संकल्प लिया।
कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने डीएम डॉ.दिनेश चंद्र को जेल परिसर में एक पार्क बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, यहां पर सजा काट रही महिलाओं के बच्चे जो जेल में है। उनके बच्चे उस पार्क में खेल सकेंगे। उन्हें जेल में रहने का पता नहीं चलना चाहिए। उन्होंने जेल प्रशासन को जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, स्कूल के बच्चों का भी विजिट कारागार में कराए। जिससे वह इन कैदियों और बंदियों को देखकर कोई गुनाह के रास्ते पर ना जा सके।