Tuesday, July 15, 2025
  • Login
No Result
View All Result
News Adda
  • Home
  • पंजाब
  • हरियाणा
  • हिमाचल प्रदेश
  • देश विदेश
  • मनोरंजन
    ओटीटी की सबसे पॉपुलर सीरीज ‘हसरतें’ लौटी! सीजन 2 में 6 एपिसोड्स के साथ

    ओटीटी की सबसे पॉपुलर सीरीज ‘हसरतें’ लौटी! सीजन 2 में 6 एपिसोड्स के साथ

    बिग एफएम  चंडीगढ़ के बदलाव के अग्रदूतों को सम्मानित करने के लिए बिग इम्पैक्ट अवार्ड्स को फिर से लाया

    बिग एफएम  चंडीगढ़ के बदलाव के अग्रदूतों को सम्मानित करने के लिए बिग इम्पैक्ट अवार्ड्स को फिर से लाया

    हंगामा ओटीटी लेकर आया है सस्पेंस और साजिश से भरी दिलचस्प कहानी ‘पर्सनल ट्रेनर’

    हंगामा ओटीटी लेकर आया है सस्पेंस और साजिश से भरी दिलचस्प कहानी ‘पर्सनल ट्रेनर’

    दी सतिंदर सत्ती शो बिग ऍफ़ एम पर

    दी सतिंदर सत्ती शो बिग ऍफ़ एम पर

    “फ्लॉक स्टूडियो ने नए पंजाबी शो ‘हीर ते टेढ़ी खीर’ के भव्य लॉन्च का जश्न मनाया!”

    “फ्लॉक स्टूडियो ने नए पंजाबी शो ‘हीर ते टेढ़ी खीर’ के भव्य लॉन्च का जश्न मनाया!”

    Trending Tags

    • Sillicon Valley
    • Climate Change
    • Election Results
    • Flat Earth
    • Golden Globes
    • MotoGP 2017
    • Mr. Robot
  • विविध
    • All
    • खेल
    • धर्म/संस्कृति
    मुख्यमंत्री आवास में हुई मुलाकात, खिलाड़ियों को मिली मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

    मुख्यमंत्री आवास में हुई मुलाकात, खिलाड़ियों को मिली मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

    पंजाब शिक्षा क्रांति’ के तहत लुधियाना जिले में नवीन पहल

    पंजाब शिक्षा क्रांति’ के तहत लुधियाना जिले में नवीन पहल

    Olympic 2024 : तकनीकी श्रेष्ठता से जीत के साथ रितिका ने क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह, शीर्ष वरीय से होगा अगला मुकाबला

    Olympic 2024 : अरशद नदीम की माँ ने जीत लिया सबका दिल, एथलीट नीरज चोपड़ा के लिए कह दी ये बात 

    वक्फ अधिनियम संशोधन : संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया वक्फ बोर्ड विधेयक, विपक्ष ने उठाए सवाल 

    National Player : हालातों ने रोका राष्ट्रीय खिलाड़ी का रास्ता, ओलंपिक खेलने के सपनों पर फिरा पानी, जानिये कैसे ?

    Vinesh Phogat : विनेश फोगाट अनफिट घोषित, ओलंपिक से बाहर होने और वेट-इन नियमों पर विस्तृत विश्लेषण

    Manu Bhakar

    Manu Bhakar News : पदक के करीब पहुँच चुकी मनु भाकर, 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा हासिल किया स्थान 

    Bhuteshawar Mahadev Temple

    Secret of temple : भूतेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य, यहां आधी रात में देवी-देवता करते हैं शिव की पूजा

  • Home
  • पंजाब
  • हरियाणा
  • हिमाचल प्रदेश
  • देश विदेश
  • मनोरंजन
    ओटीटी की सबसे पॉपुलर सीरीज ‘हसरतें’ लौटी! सीजन 2 में 6 एपिसोड्स के साथ

    ओटीटी की सबसे पॉपुलर सीरीज ‘हसरतें’ लौटी! सीजन 2 में 6 एपिसोड्स के साथ

    बिग एफएम  चंडीगढ़ के बदलाव के अग्रदूतों को सम्मानित करने के लिए बिग इम्पैक्ट अवार्ड्स को फिर से लाया

    बिग एफएम  चंडीगढ़ के बदलाव के अग्रदूतों को सम्मानित करने के लिए बिग इम्पैक्ट अवार्ड्स को फिर से लाया

    हंगामा ओटीटी लेकर आया है सस्पेंस और साजिश से भरी दिलचस्प कहानी ‘पर्सनल ट्रेनर’

    हंगामा ओटीटी लेकर आया है सस्पेंस और साजिश से भरी दिलचस्प कहानी ‘पर्सनल ट्रेनर’

    दी सतिंदर सत्ती शो बिग ऍफ़ एम पर

    दी सतिंदर सत्ती शो बिग ऍफ़ एम पर

    “फ्लॉक स्टूडियो ने नए पंजाबी शो ‘हीर ते टेढ़ी खीर’ के भव्य लॉन्च का जश्न मनाया!”

    “फ्लॉक स्टूडियो ने नए पंजाबी शो ‘हीर ते टेढ़ी खीर’ के भव्य लॉन्च का जश्न मनाया!”

    Trending Tags

    • Sillicon Valley
    • Climate Change
    • Election Results
    • Flat Earth
    • Golden Globes
    • MotoGP 2017
    • Mr. Robot
  • विविध
    • All
    • खेल
    • धर्म/संस्कृति
    मुख्यमंत्री आवास में हुई मुलाकात, खिलाड़ियों को मिली मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

    मुख्यमंत्री आवास में हुई मुलाकात, खिलाड़ियों को मिली मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

    पंजाब शिक्षा क्रांति’ के तहत लुधियाना जिले में नवीन पहल

    पंजाब शिक्षा क्रांति’ के तहत लुधियाना जिले में नवीन पहल

    Olympic 2024 : तकनीकी श्रेष्ठता से जीत के साथ रितिका ने क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह, शीर्ष वरीय से होगा अगला मुकाबला

    Olympic 2024 : अरशद नदीम की माँ ने जीत लिया सबका दिल, एथलीट नीरज चोपड़ा के लिए कह दी ये बात 

    वक्फ अधिनियम संशोधन : संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया वक्फ बोर्ड विधेयक, विपक्ष ने उठाए सवाल 

    National Player : हालातों ने रोका राष्ट्रीय खिलाड़ी का रास्ता, ओलंपिक खेलने के सपनों पर फिरा पानी, जानिये कैसे ?

    Vinesh Phogat : विनेश फोगाट अनफिट घोषित, ओलंपिक से बाहर होने और वेट-इन नियमों पर विस्तृत विश्लेषण

    Manu Bhakar

    Manu Bhakar News : पदक के करीब पहुँच चुकी मनु भाकर, 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा हासिल किया स्थान 

    Bhuteshawar Mahadev Temple

    Secret of temple : भूतेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य, यहां आधी रात में देवी-देवता करते हैं शिव की पूजा

No Result
View All Result
News Adda
No Result
View All Result
Home Viral News

Ramlala Seated In Temple After Long Fight : मस्जिद बनने के 330 साल बाद शुरू हुई राम मंदिर की जंग, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद गर्भगृह में विराजे रामलला, पढ़िए कब क्या हुआ? 

by Desk
January 22, 2024
in Viral News, उत्तर प्रदेश, धर्म/संस्कृति
0
Ramlala Seated In Temple After Long Fight
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Ramlala Seated In Temple After Long Fight : मस्जिद बनने के 330 साल बाद शुरू हुई राम मंदिर की जंग, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद गर्भगृह में विराजे रामलला, पढ़िए कब क्या हुआ?

Published By Roshan Lal Saini

Ramlala Seated In Temple After Long Fight : राम नगरी अयोध्या में बने राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 यानि आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। अयोध्या में बना राम मंदिर भारत समेत दुनिया भर में रह रहे हिंदुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। आज जो भव्य राम मंदिर आकार ले रहा है उसके पीछे दशकों तक चली लंबी कानूनी प्रक्रिया और लड़ाई है। अयोध्या में बने राम मंदिर निर्माण का सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है। बाबरी विवाद, आदालतों में चली लंबी लड़ाई और फिर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है और 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम को उनका अपना घर मिल पाया है। राम मंदिर के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने न सिर्फ जान गंवाई बल्कि जेल कई कई बार जेल भी जाना पड़ा।

Ramlala Seated In Temple After Long Fight

पढ़िए राम मंदिर को लेकर हुए संघर्ष की पूरी कहानी :-

1528 : अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मस्जिद बनने से शुरु हुआ विवाद

राम मंदिर की कहानी 1526 से शुरू हुई और 2020 तक चली। 1526 में जब मुगल शासक बाबर भारत आया था। दो साल बाद बाबर के सूबेदार मीरबाकी ने अयोध्या में एक मस्जिद बनवाई। हैरत की बात ये है कि यह मस्जिद उसी जगह बनी जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। बाबर के सम्मान में मीर बाकी ने इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद दिया। ये वो दौर था जब मुगल शासन पूरे देश में फैल रहा था। मुगलों और नवाबों के शासन के दौरान 1528 से 1853 तक इस मामले में हिंदू बहुत ज्यादा मुखर नहीं हो पाए। 19वीं सदी में मुगलों और नवाबों का शासन कमजोर पड़ने लगा। अंग्रेज हुकूमत प्रभावी हो चुकी थी। इस दौर में ही हिंदुओं ने यह मामला उठाया और कहा कि भगवान राम के जन्मस्थान मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना ली गई। इसके बाद से रामलला के जन्मस्थल को वापस पाने की लड़ाई शुरू हुई।

ये भी देखिये… राम मंदिर के लिए लाठियां खाने वाले ने सुनाया अपना दर्द

1858 : बाबरी मस्जिद बनने के 330 साल बाद हुई पहली एफआईआर 

मीरबाकी के मस्जिद बनाने के 330 साल बाद 1858 में लड़ाई कानूनी हो गई, जब पहली बार परिसर में हवन, पूजन करने पर एक एफआईआर हुई। अयोध्या रिविजिटेड किताब के मुताबिक एक दिसंबर 1858 को अवध के थानेदार शीतल दुबे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि परिसर में चबूतरा बना है। ये पहला कानूनी दस्तावेज है जिसमें परिसर के अंदर राम के प्रतीक होने के प्रमाण हैं। इसके बाद तारों की एक बाड़ खड़ी कर विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिंदुओं को अलग-अलग पूजा और नमाज की इजाजत दी गई।

1885 : जब अदालत पहुंची राम के लिए पक्के घर की बात

1858 में हुई घटना के 27 साल बाद 1885 में राम जन्मभूमि के लिए लड़ाई अदालत पहुंची। जब, निर्मोही अखाड़े के मंहत रघुबर दास ने फैजाबाद के न्यायालय में स्वामित्व को लेकर दीवानी मुकदमा दायर किया। दास ने बाबरी ढांचे के बाहरी आंगन में स्थित राम चबूतरे पर बने अस्थायी मंदिर को पक्का बनाने और छत डालने की मांग की। जज ने फैसला सुनाया कि वहां हिंदुओं को पूजा-अर्चना का अधिकार है, लेकिन वे जिलाधिकारी के फैसले के खिलाफ मंदिर को पक्का बनाने और छत डालने की अनुमति नहीं दे सकते।

1949 : मूर्तियों का प्रकटीकरण

एक ओर जहां देशभर में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाकर आजादी लेने की मुहिम जारी रही, वहीं दूसरी ओर राम जन्मभूमि की लड़ाई भी जारी रही। देश के आजाद होने के दो साल बाद 22 दिसंबर 1949 को ढांचे के भीतर गुंबद के नीचे मूर्तियों का प्रकटीकरण हुआ।

1950 : आजादी के बाद पहला मुकदमा

आजादी के बाद पहला मुकदमा हिंदू महासभा के सदस्य गोपाल सिंह विशारद ने 16 जनवरी, 1950 को सिविल जज, फैजाबाद की अदालत में दायर किया। विशारद ने ढांचे के मुख्य गुंबद के नीचे स्थित भगवान की प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की मांग की। करीब 11 महीने बाद 5 दिसंबर 1950 को ऐसी ही मांग करते हुए महंत रामचंद्र परमहंस ने सिविल जज के यहां मुकदमा दाखिल किया। मुकदमे में दूसरे पक्ष को संबंधित स्थल पर पूजा-अर्चना में बाधा डालने से रोकने की मांग रखी गई।

3 मार्च 1951 को गोपाल सिंह विशारद मामले में न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष को पूजा-अर्चना में बाधा न डालने की हिदायत दी। ऐसा ही आदेश परमहंस की तरफ से दायर मुकदमे में भी दिया गया।

ये भी पढ़िए … 500 साल बाद गर्भगृह में विराजमान हुए प्रभु श्रीराम, पीएम मोदी समेत कई VVIP ने की पूजा अर्चना

1959 : निर्मोही अखाड़े ने मांगी पूजा-अर्चना की अनुमति 

17 दिसंबर 1959 को रामानंद संप्रदाय की तरफ से निर्मोही अखाड़े के छह व्यक्तियों ने मुकदमा दायर कर इस स्थान पर अपना दावा ठोका। साथ ही मांग रखी कि रिसीवर प्रियदत्त राम को हटाकर उन्हें पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाए। यह उनका अधिकार है। मुकदमों की कड़ी में एक और मुकदमा 18 दिसंबर 1961 को दर्ज किया गया। ये मुकदमा उत्तर प्रदेश के केंद्रीय सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दायर किया। कहा कि यह जगह मुसलमानों की है। ढांचे को हिंदुओं से लेकर मुसलमानों को दे दिया जाए। ढांचे के अंदर से मूर्तियां हटा दी जाएं। ये मामले न्यायालय में चलते रहे। फैसलों की बात करें उससे पहले राम काज के लिए हुए कुछ और आंदोलनों की तरफ चलते हैं।

1982 : हिंदू धर्मस्थलों की मुक्ति का अभियान

बात 1982 की है। ये वो साल था जब विश्व हिंदू परिषद ने राम, कृष्ण और शिव के स्थलों पर मस्जिदों के निर्माण को साजिश करार दिया और इनकी मुक्ति के लिए अभियान चलाने का एलान किया। दो साल बाद 8 अप्रैल 1984 को दिल्ली में संत-महात्माओं, हिंदू नेताओं ने अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि स्थल की मुक्ति और ताला खुलवाने को आंदोलन का फैसला किया।

1986 : परिसर का ताला खुला

मुकदमों की बात हुई है तो फिर से कानूनी लड़ाई की ओर चलते हैं और बात फैसलों की करते हैं। एक फैसला 1 फरवरी 1986 को आया जब फैजाबाद के जिला न्यायाधीश केएम पाण्डेय ने स्थानीय अधिवक्ता उमेश पाण्डेय की अर्जी पर इस स्थल का ताला खोलने का आदेश दे दिया। फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में दायर अपील खारिज हो गई।

1989 : राम जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास

जनवरी 1989 में प्रयाग में कुंभ मेले के दौरान मंदिर निर्माण के लिए गांव-गांव शिला पूजन कराने का फैसला हुआ। साथ ही 9 नवंबर 1989 को श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर के शिलान्यास की घोषणा की गई। काफी विवाद और खींचतान के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने शिलान्यास की इजाजत दे दी। बिहार निवासी कामेश्वर चौपाल से शिलान्यास कराया गया।

1990 : आडवाणी ने शुरु की रथ यात्रा, आंदोलन को दी धार

1990 के दशक में आंदोलन तेज हो रहा था। इस बीच सितंबर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी रथ यात्रा लेकर निकले। इस यात्रा ने राम जन्मभूमि आंदोलन को और धार दे दी। देश की राजनीति तेजी से बदल रही थी। आडवाणी गिरफ्तार हुए। गिरफ्तारी के साथ केंद्र में सत्ता परिवर्तन भी हुए। भाजपा के समर्थन से बनी जनता दल की सरकार गिर गई। कांग्रेस के समर्थन से चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने। ये सरकार भी ज्यादा नहीं चली। नए सिरे से चुनाव हुए और एक बार फिर केंद्र में कांग्रेस सत्ता में आई। इन सब के बीच आई वो ऐतिहासिक तारीख जिसका जिक्र किए बिना ये किस्सा पूरा नहीं हो सकता है।

ये भी पढ़िए …  जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने प्रतीकात्मक शिखिर का किया स्वागत, अयोध्या न जाने के फैसले पर अटल

1992 : विवादित ढांचा गिरा, कल्याण सरकार बर्खास्त

तारीख थी 6 दिसंबर 1992, इस दिन अयोध्या पहुंचे हजारों कारसेवकों ने विवादित ढांचा गिरा दिया। इसकी जगह इसी दिन शाम को अस्थायी मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। केंद्र की तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने राज्य की कल्याण सिंह सरकार सहित अन्य राज्यों की भाजपा सरकारों को भी बर्खास्त कर दिया। उत्तर प्रदेश सहित देश में कई जगह सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें अनेक लोगों की मौत हो गई। अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि थाना में ढांचा ध्वंस मामले में भाजपा के कई नेताओं समेत हजारों लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसके साथ ही राम काज की कानूनी लड़ाई में मुकदमों की संख्या में और इजाफा होने लगा।

1993 : दर्शन-पूजन की अनुमति मिल गई

बाबरी ढहाए जाने के दो दिन बाद 8 दिसंबर 1992 को अयोध्या नगरी में कर्फ्यू लगा दिया गया। वकील हरिशंकर जैन ने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में गुहार लगाई कि भगवान भूखे हैं। राम भोग की अनुमति दी जाए। करीब 25 दिन बाद 1 जनवरी 1993 को न्यायाधीश हरिनाथ तिलहरी ने दर्शन-पूजन की अनुमति दे दी। 7 जनवरी 1993 को केंद्र सरकार ने ढांचे वाले स्थान और कल्याण सिंह सरकार द्वारा न्यास को दी गई भूमि सहित यहां पर कुल 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया।

2002 : हाईकोर्ट में शुरू हुई मालिकाना हक पर सुनवाई

अप्रैल 2002 में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने विवादित स्थल का मालिकाना हक तय करने के लिए सुनवाई शुरू हुई। उच्च न्यायालय ने 5 मार्च 2003 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को संबंधित स्थल पर खुदाई का निर्देश दिया। 22 अगस्त  2003 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी। इसमें संबंधित स्थल पर जमीन के नीचे एक विशाल हिंदू धार्मिक ढांचा (मंदिर) होने  की बात कही गई।

ये भी देखिये… मौलानाओं की बोलती की बंद , राम मंदिर उद्घाटन में जरूर जाएंगे कारी अबरार जमाल

2010 : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया ऐतिहासिक फैसला

30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस स्थल को तीनों पक्षों श्रीराम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया। न्यायाधीशों ने बीच वाले गुंबद के नीचे जहां मूर्तियां थीं, उसे जन्मस्थान माना। इसके बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा। 21 मार्च 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता से मामले सुलझाने की पेशकश की। यह भी कहा कि दोनों पक्ष राजी हों तो वह भी इसके लिए तैयार है।

2017 : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मध्यस्थता की पेशकश

अयोध्या में राम जन्मभूमि की लड़ाई अब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच चुकी थी। 21 मार्च 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता से मामले सुलझाने की पेशकश की। यह भी कहा कि दोनों पक्ष राजी हों तो वह भी इसके लिए तैयार है।

2019 : सुप्रीम फैसला और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ 

6 अगस्त 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिदिन सुनवाई शुरू की। 16 अक्तूबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हुआ और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले 40 दिन तक लगातार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

9 नवंबर 2019 को 134 साल से चली आ रही लड़ाई में अब वक्त था अंतिम फैसले का। 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित स्थल को श्रीराम जन्मभूमि माना और 2.77 एकड़ भूमि रामलला के स्वामित्व की मानी। वहीं, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया गया। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार तीन महीने में ट्रस्ट बनाए और ट्रस्ट निर्मोही अखाड़े के एक प्रतिनिधि को शामिल करे। इसके अलावा यह भी आदेश दिया कि उत्तर प्रदेश की सरकार मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक रूप से मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ भूमि किसी उपयुक्त स्थान पर उपलब्ध कराए।

ये भी पढ़िए …  प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर छावनी में तब्दील हुई अयोध्या, एसपीजी के साथ 30 हजार पुलिस जवान तैनात

2020 : अयोध्या में मंदिर की आधारशिला के साथ निर्माण शुरू

इसी के साथ दशकों से चली आ रही लंबी कानूनी लड़ाई समाप्त हो गई। अब बारी थी निर्माण की 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की। ठीक छह महीने बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई, जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए।

2024 : भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

134 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। राम जन्मभूमि पर मंदिर के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। 22 जनवरी 2024 की वह ऐतिहासिक तारीख है जब मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। 23 जनवरी से मंदिर आम लोगों के लिए खुल जाएगा।

WWW.NEWS14TODAY.COM

Tags: ayodhya ram mandir newsAyodhya Ramlala Pran Prtishthanews14todayRamlala Seated In Temple After Long Fight
Desk

Desk

Next Post

Ram Temple Consecration Ceremony : प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले मूर्तिकार योगीराज, "दुनिया का सबसे भाग्यशाली हूँ मैं"

Recommended

साढ़े पांच करोड़ की धनराशि से बनेंगी 17 किलोमीटर लम्बी सड़के : श्री मूलचंद शर्मा

साढ़े पांच करोड़ की धनराशि से बनेंगी 17 किलोमीटर लम्बी सड़के : श्री मूलचंद शर्मा

2 years ago
Local Factors Responsible For Delhi Pollution

Pollution Increases Delhi-NCR : दिवाली की आतिशबाजी के बाद दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा प्रदूषण, कई इलाकों में 900 के पार पहुंचा AQI

2 years ago

Popular News

Plugin Install : Popular Post Widget need JNews - View Counter to be installed

Connect with us

Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Aenean commodo ligula eget dolor.
SUBSCRIBE

Category

  • Uncategorized
  • Viral News
  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखंड
  • खेल
  • देश विदेश
  • धर्म/संस्कृति
  • पंजाब
  • मनोरंजन
  • मुख्य समाचार
  • विविध
  • हरियाणा
  • हिमाचल प्रदेश

Site Links

  • Log in
  • Entries feed
  • Comments feed
  • WordPress.org

About Us

We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc. Check our landing page for details.

  • Contact
  • Home 1
  • Home 2
  • Home 3
  • Home 4
  • Home 5
  • Sample Page

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • पंजाब
  • हरियाणा
  • हिमाचल प्रदेश
  • देश विदेश
  • मनोरंजन
  • विविध

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In