विद्युत् कर्मियों को करंट से बचाएगा ख़ास हेलमेट, जानिये क्या है इसकी खासियत
यूं तो हेलमेट का प्रयोग दोपहिया वाहनों पर सड़क हादसों से बचने के लिए किया जाता है। लेकिन अब यही हेलमेट बिजली विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को करंट से भी बचाएगा। इसके लिए स्पेशन हेलमेट ख़ास तकनिकी से तैयार कराये गए हैं। हेलमेट में बिजली का करंट का पता लगाने के लिए सेंसर लगाए गए हैं। सेंसरयुक्त हेलमेट को पहनकर विधुत लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारियों को तीन मीटर के दायरे में करंट की जानकारी पहले ही मिल जाएगी। जिससे कर्मचारी लाइन को छूने से पहले ही सतर्क हो जाएंगे।
आपको बता दें कि वैसे तो सामने दिनों में बिजली की तारों में फॉल्ट होते रहते है लेकिन बरसात के दिनों में बिजली की तारें सबसे ज्यादा खराब होती हैं। इन फाल्ट को ठीक करते समय लाइनमैनों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होते हैं। जिससे विधुत कर्मी के साथ दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। जनपद सहारनपुर की बात करें तो बीते एक साल में 6 लाइनमैनों की मौत काम करते समय करंट लगने से हो चुकी है। यही वजह है कि पावर कारपोरेशन ने लाइनमैनो के साथ हो रहे हादसों से बचने के लिए आधुनिक तकनिकी को इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं।
पावर कारपोरेशन मुख्यालय से अत्याधुनिक तकनीकी से हेलमेट तैयार करने को कहा गया है। यानि बिजली की लाइन पर काम करने वाले लाइनमैनों को अब सेंसरयुक्त हेलमेट दिए जाएंगे। यानी अब विधुत कर्मियों को दिए जाने वाले हेलमेट में में सेंसर लगा होगा। शटडाउन के बाद अचानक यदि लाइन में करंट आता है तो तीन मीटर के दायरे में आए करंट को हेलमेट में लगा सेंसर पकड़ लेगा। यह सेंसर पहले ही कर्मचारी को उससे सतर्क कर देगा और विधुत कर्मी करंट की चपेट में आने से बच जाएगा। साथ ही लाइन मैन को मुख्यालय से सेफ्टी बेल्ट का उपयोग अनिवार्य रूप से करने के लिए निर्देशित किया गया है।
विधुत निगम के अधिशासी अभियंता अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विधुत विभाग ने लाइनमैनों के साथ हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक हेलमेट बनवाये जा रहे हैं। इन हेलमेट में ख़ास सेंसर लगवाने की बात चल रही है। सेंसरयुक्त आधुनिक हेलमेट पहन कर लाइनों पर काम करते समय लाइनमैनों को तीन मीटर पहले ही करंट का पता चल सकेगा। जिससे लाइन मैं के साथ होने वाली दुर्घटना रोकने में मदद मिलेगी।