पड़ोसी राज्यों में चल रहे डुप्लीकेट राशन कार्ड, जाँच में जुटा खाद्य विभाग
जनपद सहारनपुर के राशन कार्ड की यूनिटों की डुप्लीकेसी पड़ोसी राज्यों में रही है। इसमें किसी राशन कार्ड के चार यूनिटों में से एक या दो यूनिट की डुप्लीकेसी पडोसी राज्यों और जनपदों मेंं चल रही है। इतना ही नहीं कई परिवारों का तो पूरा राशन कार्ड ही पड़ोसी राज्य में चल रहा है। करीब पांच हजार राशन कार्डों की यूनिट इसके दायरे में हैं। जांच में पता चला है कि कुछ ऐसे भी लोग है जो यहां से राशन इसलिए ले रहे हैं कि जिससे उनके कार्ड को बंद न किया जाए, जबकि उनके कार्ड हरियाणा और उत्तराखंड में भी बने हुए हैं। जिले में मामला संज्ञान में आने पर जिला पूर्ति विभाग द्वारा संबंधित राज्य के अधिकारियों को पत्र लिखकर हजारों की संख्या में डुप्लीकेट यूनिट कटवाई जा चुकी है।

हाल ही में सीएम योगी के निर्देशानुसार आयुष्मान कार्ड बनाये गए। आयुष्मान कार्ड के लिए जरुरतमंदो ने नया राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया तो सबके होश उड़ गए। क्योंकि इस दौरान पुरे मामले का खुलासा हुआ है। ऑनलाइन करने पर आवेदक को पता चला कि उनका राशन कार्ड या यूनिट पड़ोसी राज्य के किसी जनपद में चल रही है। पूर्ति विभाग में कई व्यक्ति इसकी शिकायत लेकर आ रहे हैं कि उनका राशन कार्ड में पांच यूनिट हैं, इनमें से एक या दो यूनिट उत्तराखंड के किसी जनपद में चल रही हैं। अभी तक करीब पांच हजार डुप्लीकेट यूनिटों का पता चला है। इसके लिए पूर्ति विभाग संबंधित जनपद के जिला पूर्ति अधिकारी को पत्र लिखकर डुप्लीकेट यूनिट को कटवा रहा हैं। अब तक करीब एक हजार यूनिटें कटवाई जा चुकी है।
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी अश्विनी कुमार मिश्रा ने बताया कि डुप्लीकेसी के सबसे अधिक मामले उत्तराखंड राज्य के आए हैं। जनपद के कई उपभोक्ताओं के उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून, विकास नगर, रुड़की और हरियाणा के करनाल, यमुनानगर और प्रदेश में बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली आदि में डुप्लीकेट राशन कार्ड या यूनिटें चल रही थीं। आयुष्मान कार्ड या राशन कार्ड में यूनिट बढ़वाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर उपभोक्ताओं को डुप्लीकेसी की जानकारी मिल रही है। जो भी शिकायत आ रही है उसका निस्तारण कराया जा रहा है।












